Friday, June 4, 2010

हस्त -रेखाएं और आप!...........

प्रश्न- हस्तरेखा विज्ञानं यानि पामिस्ट्री का आधार क्या है?
उत्तर- हमारे शाश्त्रो में लिखा है क़ि -
आयुहा कर्म च वित्तामा च विद्या निधानामेवा च
पंचैतानी विलिख्यान्ति गर्भाश्थैवा देहिनः।
अर्थात- संसार में आने वाले मनुष्य की आयु कितनी होगी, कर्म क्या करेगा धन कितना कमाएगा विद्या कितनी होगी और मृत्यु किस कारण से होगी? यह पंचा बातें माँ के गर्भ में ही निर्धत्रित हो जाती है और हथेली में लिख जाती हैं इसलिए हथेली को इश्वेर द्वारा बने गयी जन्मकुंडली कहते हैं।

प्रश्न- कई बार उपाय करने के बोजूद सफलता नहीं मिलती?
उत्तर- हाँ ! एक तो समस्या से सम्बंधित उपाय ही बताने चाहिए छोटे अवं सरल उपाय जो काम करते हैं वे भरी भरकम खर्चीले उपाय भी नहीं कर पाते। उपायों के बोजूद अगर जीवन में वांछित सफलता न मिले तो मद्य मांस भ्रून्हात्या परनारी या पुरुष का सेवन करना छोड़ दें।
प्रश्न- हाथ देखने में पारंगत होने का क्या उपाय है?
उत्तर- हाश्तारेखा की पुश्ताके पढ़कर हाथ देखना ऐसा ही है जैसे पलने रुन्वय पर दौड़ रहा हो लेकिन रुन्वय में तो बस भी दौड़ सकती है सवाल है जमीं छोड़कर उड़ने का , बस और प्लेने के बीच द्फार्क उड़ने का है और उड़ान वाही ले सकता है जो संयमी अवं साधक हो। गुरु अवं इष्ट की कृपा प्राप्त की हो। पारंगत होने के लिए विषय के अध्ययन के साथ इश्वेरिया कृपा बहुत जरूरी है।
प्रश्न-आयुर्वेद अवं हाश्तारेखा विज्ञानं में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर- आयुर्वेद आपको बतात है की एस समय आपको क्या रोग है और उसका क्या इलाज है जबकि हाश्तारेखा विज्ञानं से पता चलता है की आने वाले समय में आपको किस तरह के रोग हीओ सकते हैं। किस प्रकार अपनी जीवन shaillymen परिवर्तन करके खानपान ठीक करके तथा आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन करके आप भावी रोगों से बचाओ कर सकते हैं।
प्रशन- हथेली दिखाने से क्या लाभ होते है ?
उत्तर - अगर मनुष्य को पता चल जाये की उसका स्वभाव कैसा है ,कौन सा काम उसे सफलता देगा किस क्षेत्र
में वह नाम अवं धन कमाएगा कौन से रोग उसे जीवन में घेर सकते है अच्हे समय वह कैसे ज्यादा सफलताये प्राप्त करे और बुरे समय में कैसे अपने को सीमित कर के दुखों से बचे ? तो निशित रूप से उसका जीवन ज्यादा सार्थक अवं सफल होगा और यह मार्ग दर्शन हस्तरेखाओ के अध्यन से प्राप्त किया जा सकता है ।
प्रश्न-हाथ कितने समय के अंतरअल में दिखाना चाहिए ?
उत्तर - प्रत्येक तीन माह पश्चात् हथेली की प्रभाव रेखाए बदल जाती हैं जिन्हें देखकर आपके कर्म अवं उसके परिणाम का डाटा बेस तैयार करके मार्गदर्शन किया जा सकता है।
प्रश्न- सामास्य समाधान में उपायों की भूमिका पर प्रकाशज डालिए?
उत्तर- संकटकाल में मनुष्य को चार चीजो की मदद लेनी चाहिए
मंत्र-यानि आपने से बड़ो की सलाह
ओषधि- व्याधियो के विनाश के लिए
तप- जो कष्ट आया है उसे इश्वेर की इच्छा समझकर सहन करना
दान- कई बार धन संग्रह किए दौरान दोषों का भी संग्रह हो जाता है दान से मन कर्म वचन में निर्मलता अति है
इसी प्रकार भक्ति पूजा अनुष्ठान रत्नाधारण करने से परेशानियाँ कम हो जाती है।
इश्वेर कल्याण करें!

www.palmistrygyan.com

3 comments:

  1. This is really very informative.

    Please keep posting information on how one should act according to his behavior and capability. what are the criterias to judge own capabilities?

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  2. this is useful...i want to noe can i do palmistry course....as i do have capabilities to observe many things evn widout having any knowledge regarding palmistry
    is this is god gift??how can i reveal and corelate my dreams to it

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